सिंहस्थ 2028 की भव्य तैयारियों पर संभागायुक्त ने ली समीक्षा बैठक, निर्माण कार्यों में गति लाने के दिए निर्देश; कहा- यातायात प्रबंधन के लिए अपनाया जाएगा प्रयागराज कुंभ का मॉडल

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न निर्माण कार्यों, आधारभूत संरचनाओं, यातायात प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और चिकित्सा सेवाओं को लेकर विस्तृत योजनाएं बनाई जा रही हैं। हाल ही में संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें इंदौर संभाग के सभी जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया।

इस बैठक में इंदौर संभाग में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक वर्चुअल माध्यम (गूगल मीट) से आयोजित की गई, जिसमें इंदौर सहित धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन तथा बुरहानपुर जिलों के सभी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित विभागों के अधिकारी जुड़े। इनके अलावा बैठक में कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह, आईजी अनुराग, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री आर.पी. अहिरवार, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, संयुक्त आयुक्त सपना लोवंशी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सी.एस. खरत, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

दरअसल, सिंहस्थ महापर्व के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए सरकार और प्रशासन द्वारा सड़कों, पुलों, विश्राम गृहों, पार्किंग स्थलों और अन्य आवश्यक सुविधाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। जिसके चलते बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिंहस्थ 2028 के लिए निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी निर्माण एवं संधारण कार्य पूरे किए जाएं। इसमें सड़कों, पुल-पुलिया, ड्रेनेज सिस्टम, विश्राम गृह, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, चिकित्सा सेवाएं, अग्नि सुरक्षा जैसी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि कार्यों में पारदर्शिता, उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।

धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान

बैठक में धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए संभागायुक्त सिंह ने कहा कि सिंहस्थ मेले में उज्जैन जाने वाले लाखों श्रद्धालु इंदौर होते हुए अन्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की यात्रा करेंगे। इसमें ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, धार भोजशाला, ऐतिहासिक बावड़ी, मांडव, हनुवंतिया, असीरगढ़ किला, कट्ठीवाड़ा और सेंधवा किले जैसे प्रमुख स्थान शामिल होंगे। इसके अलावा, इंदौर में राजवाड़ा, पितृ पर्वत, लालबाग पैलेस, खजराना गणेश मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, बिजासन टेकरी आदि स्थलों पर भी श्रद्धालु दर्शन और पर्यटन के लिए पहुंचेंगे।

उन्होंने निर्देश दिए कि इन सभी धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर स्वच्छ पेयजल, छायादार विश्राम स्थल, शौचालय, पार्किंग जैसी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

इसके अलावा इंदौर, सार्वजनिक परिवहन, हवाई सेवा और रेल सेवा की दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र है और उज्जैन से मात्र 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। व्यावसायिक दृष्टि से भी इंदौर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा बाजार है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। सिंहस्थ मेले के दौरान भी इंदौर में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ेगी, इसलिए इंदौर में यातायात, ठहरने और अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाना जरूरी है।

यातायात प्रबंधन के लिए प्रयागराज कुंभ का मॉडल अपनाया जाएगा

संभागायुक्त सिंह ने प्रयागराज कुंभ मेले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रशासन ने अस्थायी यातायात पार्किंग की व्यवस्था मुख्य मेले से कई किलोमीटर दूर की थी, ताकि पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। सिंहस्थ मेले में भी इसी प्रकार की यातायात योजना बनाई जाएगी।

रेलवे से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए होल्डिंग एरिया विकसित किया जाएगा, ताकि स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन किया जा सके। इसके अलावा, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मंडलेश्वर के घाटों की सफाई की विशेष योजना बनाई जाएगी। इंदौर संभाग की नदियों—नर्मदा, क्षिप्रा, गंभीर, माही, अनास और ताप्ती की सफाई को प्राथमिकता दी जाएगी।

सिंहस्थ में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण प्राथमिकता में

  • नर्मदा, क्षिप्रा, गंभीर, माही, अनास और ताप्ती नदियों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
  • घाटों की सफाई और पर्यावरण अनुकूल व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाएगा।
  • कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक मुक्त सिंहस्थ के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।

चिकित्सा सुविधाएं और आपातकालीन सेवाएं होंगी मजबूत

सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक चिकित्सा व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

  • अस्थायी अस्पतालों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
  • डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
  • आपातकालीन सेवाओं के लिए चलित मेडिकल यूनिट और एंबुलेंस की तैनाती होगी।
  • ऑक्सीजन, जीवनरक्षक दवाएं और CPR जैसी सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

 

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